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October 14, 2019
September 15, 2019
राम कुंड बांसवाड़ा
राम कुंड तलवाड़ा कस्बे से करीब 5 की.मी. की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक गुफा है। बहुत ही सुन्दर एकांत शांत वातावरण और मन मोहित कर देने वाला सौंदर्य , यहां हर किसी प्रकृति प्रेमी को अपनी और आकर्षित कर सकने का माद्दा रखता है।
लोकमान्यता अनुसार भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के कुछ दिन यहां गुजारे थे। गुफा बहुत ही गहरी है तथा गुफा में भगवान गणेश और शिव की प्रतिमाएं है। बरसात के दिनों में पहाड़ की चट्टानों से पानी टपकता रहता है जिसकी आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है। अंदर का पानी बहुत ठंडा है।
यह भी कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान तांत्याटोपे यहां कुछ दिन ठहरे थे।
यहां पहुंचने वाले रास्ते बहुत ही अलौकिक से प्रतीत होते है।बारिश के मौसम में तो गुफा के पास दूर पहाड़ों से आती पानी की आवाज और पक्षियों का कलरव जन्नत का अहसास करवाते है।
यहां के लोगों को के जीवन को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
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गुफा के बाहर का दर्शन |
लोकमान्यता अनुसार भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के कुछ दिन यहां गुजारे थे। गुफा बहुत ही गहरी है तथा गुफा में भगवान गणेश और शिव की प्रतिमाएं है। बरसात के दिनों में पहाड़ की चट्टानों से पानी टपकता रहता है जिसकी आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है। अंदर का पानी बहुत ठंडा है।
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बरसात के दौरान रास्ते में झरना |
यह भी कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान तांत्याटोपे यहां कुछ दिन ठहरे थे।
यहां पहुंचने वाले रास्ते बहुत ही अलौकिक से प्रतीत होते है।बारिश के मौसम में तो गुफा के पास दूर पहाड़ों से आती पानी की आवाज और पक्षियों का कलरव जन्नत का अहसास करवाते है।
यहां के लोगों को के जीवन को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
September 09, 2019
माही बजाज सागर बांध
माही बजाज सागर
पश्चिम भारत में बहने वाली माही नदी जिसका उदगम स्थल मध्य प्रदेश का धार जिला है। नदी म.प्र. से निकलने के बाद दक्षिणी राजस्थान के वागड़ क्षेत्र से बहते हुए गुजरात में प्रवेश करती है तथा अंत में खंभात की खाड़ी में गिर जाती है।
माही नदी की विशालता के कारण ही इसे सागर नाम से जाना जाता है।माही बांध परियोजना के अन्तर्गत इस पर कई जगह बांधों का निर्माण किया गया है।इसी कड़ी में माही बजाज सागर बांध का निर्माण सन 1972-1982 में किया गया है।बांध का नामकरण स्वर्गीय जमनालाल बजाज के नाम पर किया गया है
यह भी जानेराम कुंड तलवाड़ा
यह भी जानेराम कुंड तलवाड़ा
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माही बजाज सागर बांध |
बांध का निर्माण बिजली उत्पादन और सिंचाई के उद्देश्य से किया गया है।बांध बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बांध का विशाल जल भराव क्षेत्र और आसपास हरे भरे भू क्षेत्र के कारण पर्यटन का केंद्र भी है।
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मानसून के समय में जब धरती ने हरी चादर ओढ़ रखी हो यहां का मौसम बहुत ही खुशमिजाज होता है।मौसम ठंडा और सुहावना होता है
बांध के विशाल जल भराव क्षेत्र में कई द्वीप उभरे हुए है जो यहां खूबसूरती में और इजाफा करते हैं।बांध में मगरमच्छ और कछुए प्रचुरता में पाए जाते हैं
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माही बांध जल भराव |
जुलाई -सितम्बर के बीच का समय यहां घूमने का उत्तम समय होता है इस दौरान मौसम ठंडा और बांध और नदी का जल स्तर अपने चरम पर होता है।
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