राम कुंड तलवाड़ा कस्बे से करीब 5 की.मी. की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक गुफा है। बहुत ही सुन्दर एकांत शांत वातावरण और मन मोहित कर देने वाला सौंदर्य , यहां हर किसी प्रकृति प्रेमी को अपनी और आकर्षित कर सकने का माद्दा रखता है।
लोकमान्यता अनुसार भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के कुछ दिन यहां गुजारे थे। गुफा बहुत ही गहरी है तथा गुफा में भगवान गणेश और शिव की प्रतिमाएं है। बरसात के दिनों में पहाड़ की चट्टानों से पानी टपकता रहता है जिसकी आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है। अंदर का पानी बहुत ठंडा है।
यह भी कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान तांत्याटोपे यहां कुछ दिन ठहरे थे।
यहां पहुंचने वाले रास्ते बहुत ही अलौकिक से प्रतीत होते है।बारिश के मौसम में तो गुफा के पास दूर पहाड़ों से आती पानी की आवाज और पक्षियों का कलरव जन्नत का अहसास करवाते है।
यहां के लोगों को के जीवन को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
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गुफा के बाहर का दर्शन |
लोकमान्यता अनुसार भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के कुछ दिन यहां गुजारे थे। गुफा बहुत ही गहरी है तथा गुफा में भगवान गणेश और शिव की प्रतिमाएं है। बरसात के दिनों में पहाड़ की चट्टानों से पानी टपकता रहता है जिसकी आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है। अंदर का पानी बहुत ठंडा है।
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बरसात के दौरान रास्ते में झरना |
यह भी कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान तांत्याटोपे यहां कुछ दिन ठहरे थे।
यहां पहुंचने वाले रास्ते बहुत ही अलौकिक से प्रतीत होते है।बारिश के मौसम में तो गुफा के पास दूर पहाड़ों से आती पानी की आवाज और पक्षियों का कलरव जन्नत का अहसास करवाते है।
यहां के लोगों को के जीवन को नजदीक से महसूस किया जा सकता है।
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